गणित विषय के छात्रों का दर्द उनकी डायरियों में अक्सर देखने को मिल जाया करता है। उनमें से कुछ मेरे डायरी का अंश।
● पता नहीं कौन सी नाव थी वो!
जो हमेशा कभी धारा की दिशा में तो कभी धारा के विपरीत दिशा में चलती थी!
और हमारी नईया डुबा दिया करती थी!
● एक ख़ास ट्रेन भी हुआ करती थी!
जो हमेशा स्टेशन A से स्टेशन B की ओर ही चलती थी!
मैं पूरे ग्लोब और गूगल का औचक निरीक्षण कर चुका हूँ…
…पर, ये दोनों स्टेशन आज तक नहीं मिले!
हालांकि, कभी-कभी एक दूसरी ट्रेन भी होती थी जो स्टेशन B से स्टेशन A की तरफ चलती थी।
परंतु, ये कभी नहीं बताया गया कि दोनों स्टेशनों के बीच दो ट्रैक हैं या दोनों ट्रेनें एक ही ट्रैक पर चलती हैं। :::::::::::::::
इस से भी ज्यादा मज़ा तो तब आता था जब एक पागल आदमी हुआ करता था…
जो कभी इन ट्रेनों के विपरीत दौड़ता तो कभी इनके साथ-साथ•••
जो भी हो!
मुझे लगता है कि मुझसे भी ज्यादा बेरोज़गार रहा होगा बेचारा!
● एक बहुत ही भ्रष्टाचारी दूधवाला भी हुआ करता था!
जिसकी खोपड़ी कुछ सटकेली थी!
पहले ये भाईसाहब दो छोटे-छोटे कंटेनर में एक-एक करके तीन भाग दूध और एक भाग पानी मिलाते थे!
फिर इस मिश्रण को एक बड़े से कंटेनर, जो आधा दूध से भरा होता था, में मिला दिया करते थे!
इसके बाद बड़े प्रेम से पूछते थे…
कि अब बताओ बेटा कुल कितना भाग दूध और कितना भाग पानी है?????
अबे!
अपना बिजनेस सीक्रेट क्यों ओपन कर रहा है बे?
● सबसे मस्त तो वो चोर होता था!
ये कमीना पूरी दुकान लूटकर ढाई बजे भागता था!
और एक देशभक्त सिपाही पैंतालीस मिनट बाद उसे पकड़ने भागता था!
इस पूरे काण्ड में फायदा या तो चोर को होना था या फिर सिपाही को प्रमोशन मिलना था!
पर सवाल हमसे तलब किये जाते थे•••
कि बताओ पुलिस कितने घंटे बाद चोर को पकड़ेगा????
अबे, मैं क्या दारोगा हूँ जो मुझ से पूछ रहे हो!!!!
सच तो ये है कि सिपाही कभी भी चोर को नहीं पकड़ पायेगा!
क्योंकि चोर 120 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड में कार से भागा है!
और सिपाही 45 मिनट बाद 12 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से पैदल!
कमबख्त•••
● इसी तरह एक ठेकेदार हुआ करता था!
ये सज्जन रोज़ 20 पुरुष, 15 महिलाएं और 10 बच्चों से खेत जुतवाया करते थे!
और पूछते हमसे थे,
कि बताओ इसी तरह 12 पुरुष 17 महिलायें और 8 बच्चे उसी खेत को कितने दिन में जोतेंगे!
ये कौन सी खेत है बे तुम्हारे!
आज तक जुत ही रहे हैं!
इनमें कुछ बोना नहीं है क्या?
और हां, तुम पर तो कमीने केस ठोकूंगा मैं आज!
हरामखोर बालश्रम करवाते हो!
और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस बीते भी कुछ ही दिन हुए हैं।
और महिलाओं पर अत्याचार शुरू!
● एक बड़ा ही अजीबोग़रीब आदमी था!
कमीने के पास तीन नल थे!
A, B और C
पहले वाले नल को 20 मिनट चलाता!
फिर दूसरे नल को 15 मिनट चलाता!
इसके बाद कमीना गजब करता था!
तीसरा नल जो टंकी को खाली करता था!
उसे भी चला देता था!
और हमसे पूछता था कि बताओ टंकी कितने देर में खाली होगी????
बताओ, है कोई जवाब इसका???
कमीने, जब तुझे नहाना ही नहीं था तो नल क्यों खोला!
पानी बर्बाद करते हो हरामख़ोर!
तुम जैसे अर्धपागलों के कारण ही ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बना हुआ है!
● और प्लीज़ कोई मुझे बताओ कि वो मोटर चालक आखिर कौन था???
जो A से B तक पहले 80 km/h की स्पीड से जाता था!
और 50 km/h की स्पीड से वापस आ जाता था!
तुम सिर्फ हमारे मजे लेने के लिए यहां से वहां भटकते फिरते थे!
पगले, पेट्रोल को पानी समझ लिए थे क्या बे?
और मेरे से पूछते हो औसत चाल!!!!
जवाब ही चाहिए •••
तो ले सुन!
तुम्हारी चाल और चलन
दोनों ही औसत से भी बहुत नीचे हैं!
एक नंबर के आवारा हो तुम!
हरामखोर,
जाते अलग स्पीड से हो!
आते अलग स्पीड से हो!
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अगर आपको भी ऐसी स्थिति मिली हो तो नीचे कॉमेंट जरूर कीजियेगा।
अगर कोई और नया पागलपन गणित में मिला हो तो अवश्य बताइए।
आपके कॉमेंट का इंतजार रहेगा•••
मुझे तो गणित कभी समझ ही नहीं आया।जोड़ घटाव छोड़ कर
बहुत बढ़िया, पढ़ कर मन खुश हो गया।
कभी-कभी जब मन बोझिल सा रहता है, और इस प्रकार की कहानी अगर मिल जाती है तो पढ़ कर अच्छा लगता है। दिन भर मुस्कुराती रहती हूं।
बहुत अच्छा, keep it up Alpha…